उद्देश्यः
माली शिक्षण संस्थान का गठन पीढ़ी दर पीढ़ी समाज को जोड़ने व समाज के प्रतिभावान विद्यार्थियों को शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने हेतु तथा समाज के गरीब व निर्धन विद्यार्थी जो प्रशासनिक सेवाओं एवं अन्य महत्वपूर्ण राजकीय पदों की तैयारी करने हेतु किया गया।
समाज को शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम प्रदान करने के उद्देश्य से माली शिक्षण संस्थान आदर्श नगर, जयपुर एक विशिष्ठ व महत्पूर्ण भूमिका निभा रहा है। संस्थान की वेबसाईट उंसपेंदेजींदण्बवउ समाज के होनहार विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने व सफल होने में योगदान करती है। सर्व विदित है कि शिक्षा समाज का दर्पण है। शैक्षिक स्तर से ही किसी भी समाज की उन्नति की पहचान सुनिश्चित होती है। अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के कारण शिक्षा उपार्जन के पश्चात् रोजगार प्राप्त करने हेतु कोचिंग लेना प्रायः अनिवार्य है। ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के समक्ष कोचिंग के दौरान एक बहुत बड़ी समस्या आवास की होती है। आवास न केवल महंगे होते हैं बल्कि अकेले रहने वाले छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा के अन्य बच्चों से संवाद करने एवं अपनी तैयारी का स्तर मापने का अवसर प्राप्त नहीं होता है। अतः इस संदर्भ में आज शहरों में छात्रावास की अत्यधिक आवश्यकता है। माली शिक्षण संस्थान, अशोक चौक, आदर्श नगर, जयपुर के मैनेजमेंट द्वारा माली समाज के होनहार नवयुवकों को कोचिंग की एवं आवास की समस्या के निराकरण के लिए अभिनव पहल की है। इस संदर्भ में अशोक चौक आदर्श नगर में लगभग 200 छात्रो के लिए छात्रावास निर्माण किया गया है। उक्त छात्रावास में 51 कमरे, दो बड़े हाल, एक लाइब्रेरी हाल है। बच्चों के माता-पिता अथवा अन्य लोगों हेतु या आकस्मिक रूप से एस.एम.एस. अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिजनों के लिए एक डोरमेट्री का निर्माण भी किया गया है जिसमें लगभग 50 बेड की व्यवस्था है। छात्रावास परिसर में वार्डन एवं व्यवस्थापक के अलग से आवास है तथा सभी फ्लोर पर शौचालय की सुविधा है। कमरों में एयर कूलिंग एवं सोलर की व्यवस्था की जा रही है। बच्चों के लिए मैस की समुचित व्यवस्था है। भोजन हेतु छात्रों को सुबह हााम चाय/दुध, प्रातः नाश्ता, दोपहर एवं रात को बैलेन्स्ड डाइट उपलब्ध कराया जाता है। छात्रावास से गत 7 वर्षों में लगभग 150 बच्चों का विभिन्न सरकारी नोक्रियों में चयन हो चुका है। इसके अलावा बच्चे रोजगार तथा प्राइवेट क्षेत्र की नौकरियों में भी अपना परचम लहरा रहे हैं।
भविष्य में छात्रावास परिसर में लगभग 200 छात्रों के लिए एक और टावर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग एक ही छत के नीच उपलब्ध हो, इस हेतु प्रयास किए जाएंगे। अंततोगत्वा संस्थान को एक ‘‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’’ के रूप में विकसित करने का प्रयास उत्तरोत्तर प्रगतिशील है।